A Simple Key For sidh kunjika Unveiled



सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

Draw a line from the Sahasrara. With the junction where the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, that is definitely the location of depth in this meditation.

हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता

कभी उड़ान नहीं भर पाएगी जेट एयरवेज, सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन के ऐसेट्स बेचने का दिया आदेश

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

Something that needs to be noted is the fact such a way calls more info for hard Sadhna and Sacrifice from someone. Concurrently, the damaging outcome from the slightest miscalculation is the reason that Tantrik procedures of achieving God tend to be explained to be prevented. 

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